सूरज की किरणें
राहों में बाधाएं देखकर,
कर सहम हो जाए जीवन!
मुश्किल नहीं हैं उस पार जाना,
कर हिम्मत से आगे बढ़े!
दुःख का सागर हैं मगर,
कर हौसलें से बना ले मंज़िल!
काबिल हैं तू आंधी तले,
कर फ़ैसला पर्वत की ऊंचाई हैं घर!
आसमां हैं आज धरती मगर,
कर इरादों से उठा ले पत्थर!
सूरज की किरणें धूमिल हैं,
कर क़िस्मत भी हैं, क़दम तलें!!
अभिजीत रंजन
9/11/2020
Natash
21-Feb-2021 11:42 AM
👍👍👍
Reply
ABHIJIT RANJAN
21-Feb-2021 06:05 PM
जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका आभार आदरणीय
Reply
Dr. Vashisth
21-Feb-2021 11:02 AM
Very Good
Reply
ABHIJIT RANJAN
21-Feb-2021 06:05 PM
जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका आभार आदरणीय
Reply
Aliya khan
21-Feb-2021 10:44 AM
Nice
Reply
ABHIJIT RANJAN
21-Feb-2021 06:05 PM
जी बहुत बहुत आभार आदरणीय
Reply